कानपुर नगर, रामादेवी से लखनऊ की ओर जाने वाले हाईवे फ्लाइओवर की सडक के साथ जाजमऊ नए गंगापुल पर सडके पूरी तरह ऊखड गयी है। सड़कों के बडे-बडे गडढे हो गये है जिसमें कारण धूल का गुब्बार उडता रहता है। रामादेवी से जाजमऊ की ओर आने वाले फ्लाईओर की सडके खस्ताहाल है, यहां सडक कई जगह से ऊखड चुकी है। यही हाल जाजमऊ गंगा पुल का भी है जहां सडको बडे बडे गढडे बन गये है। चारो तरफ बजरी सडकों पर फैली हुई ।बजरी के कारण जहां हादसों का खतरा बना रहता है वहीं कई हादसे हो भी चुके है। वाहन सवारो खास तौर पर दुपहिया वाहनो को फ्लाई ओर पर चलाने में कठियाई हो रही है। वहीं जाजमऊ स्थानीय निवासियों ने बताया कि गंगा पुल की शुरूआत से ही सडकउखडी हुई है और आये दिन यहां छोटे वाहनो के स्लिप होने के कारण हादसे होते है। इसके अलावा उडने वाली धूल और भी मुसीबत बनती है। वाहन चालकों ने बताया कि यदि किसी वाहन के आप पीछे चल रहे है तो बहुत दिक्कत होती है वहीं कई महीनो से ऐसे हालात बने हुए है।सम्बन्धित विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नही दे रहे है। रात में इन उखडी और बजरी फैली सडको पर वाहन गुजरते है,जिससे कभी भी बडा हादसा हो सकता है।धूल में गुब्बार में निकल रहा शहरियों का दम- बीते दिनो बारिश उसके बाद पडने वाले कोहरे के कारण वातावरण में धूल की मात्रा में जहां कमी आई थी वहीं नाइट्रोजन डाईऑक्साइड की मात्रा भी कम हुई थी। निखरी धूप के साथ ही जैसे सडको ने नमी सूखी वैसे ही एक बार फिर शहर धूल की चपेट में आ गया। जगह जगह, उखडी सडके, फैली बजरी, खुदाई के कारण वातावरण में धूल बढती जा रही है साथ ही नाइट्रोजन डाईऑक्साइड की भी मात्रा अधिक बढती जा रतात सावतानाटोजन हो चली है। मंगलवार को शहर का एयरक्वालिटी इंडेक्स 300 के आस-पास रहा वहीं हवामें धुलधुएं काअधिकतम स्तर 220 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा ।नाइट्रस की मात्रा 50 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच गयी। लगातार बिगडी शहर की आबो-हवा के कारण मानव शरीर पर इसका खासा असर पड रहा है। डाक्टरो की माने तो धूल के कारण लोगो में खांसी-जुकाम तो हो ही रहा है साथ ही फेफडे भी संक्रमित हो रहे है।
उखड़ गयी जाजमऊ गंगापुर की सड़क